Bhajan by Sadhvi Purnima ji -
Main theme of this bhajan is that we have totally devoted us to you, Krishna.
Krishna, you do not remember us but we have given our everything to you.
1. May be I am not worth it, but I still aspire to see you, find you.
I am living only on this hope that one day I will be able to see you.
I am only living to see you, and you are going away from me,
I have bowed down my head in front of you.
2. Now in your love, I am in such a condition that tears roll down from my eyes continuously,
I keep on looking for you.
They had habit of smiling, and I thought they are smiling for me,
They progressed by this habit of laughing, and I kept on going downwards.
Chahat mein humne shyam ki khud ko mita diya Lyrics -
चाहत में हमने श्याम की खुद को मिटा दिया।
चाहत में हमने आप की खुद को मिटा दिया।
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया।
१ क़ाबिल तो नहीं पर शौक तो है,
दीदार तेरे का मनमोहन,
इसी आस पर मैं जीवन की बाज़ी लगायी बैठी हूँ,
हम जिसे देखने को जिए जा रहे हैं,
वो पर्दा पे पर्दा किये जा रहे हैं,
मेरा शीशा दिल हिफाज़त से रखना,
अपना समझ कर जीए जा रहे हैं,
तुम देखो न देखो प्यारे,
ये है तुम्हारी मर्ज़ी,
मैंने तो तेरे दर पे सर को झुका दिया है।
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया।
२. उनकी चाहत में है अब ये हालत हमारी,
के आँखों से आंसू बहे जा रहे हैं,
आस पे तकते हैं राहें हम उनकी,
वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं,
हंसना तो उना दी आदत सी,
असी गलत अंदाजा ला बैठे,
तुसी हंसदे हंसदे वसदे रहे,
असी अपना आप गँवा बैठे,
तेरा दर्द दिल में रखना,
तुझे याद करके रोना ,
जीवन का अपने मैंने मकसद बना लिया है।
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया।
३. कहते हो तुम रो ना -रो ना
पर अपने को तो रोना है,
तेरे चरण कमल पर रगड़ रगड़
कब अपने मन को धोना है,
नैनो की गंगा यमुना से,
तेरे चरण कमल को धोना है,
तुम बनो ना बनो, हमारे पिया,
हमको तो तुम्हारा होना है,
मुश्किल है याद तेरी इक पल भी भूल पाएं,
पगली को याद रखना, तुम्हे अपना बना लिया है।
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया।
चाहत में हमने आप की खुद को मिटा दिया।
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया।
१ क़ाबिल तो नहीं पर शौक तो है,
दीदार तेरे का मनमोहन,
इसी आस पर मैं जीवन की बाज़ी लगायी बैठी हूँ,
हम जिसे देखने को जिए जा रहे हैं,
वो पर्दा पे पर्दा किये जा रहे हैं,
मेरा शीशा दिल हिफाज़त से रखना,
अपना समझ कर जीए जा रहे हैं,
तुम देखो न देखो प्यारे,
ये है तुम्हारी मर्ज़ी,
मैंने तो तेरे दर पे सर को झुका दिया है।
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया।
२. उनकी चाहत में है अब ये हालत हमारी,
के आँखों से आंसू बहे जा रहे हैं,
आस पे तकते हैं राहें हम उनकी,
वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं,
हंसना तो उना दी आदत सी,
असी गलत अंदाजा ला बैठे,
तुसी हंसदे हंसदे वसदे रहे,
असी अपना आप गँवा बैठे,
तेरा दर्द दिल में रखना,
तुझे याद करके रोना ,
जीवन का अपने मैंने मकसद बना लिया है।
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया।
३. कहते हो तुम रो ना -रो ना
पर अपने को तो रोना है,
तेरे चरण कमल पर रगड़ रगड़
कब अपने मन को धोना है,
नैनो की गंगा यमुना से,
तेरे चरण कमल को धोना है,
तुम बनो ना बनो, हमारे पिया,
हमको तो तुम्हारा होना है,
मुश्किल है याद तेरी इक पल भी भूल पाएं,
पगली को याद रखना, तुम्हे अपना बना लिया है।
वो याद ना करते हैं हमको,
जिन्हे अपना बना लिया।
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